तस्वीर दीवाल पर लटकावी मने भूली जजों,
अगरबत्ती बे जलावी त्या मने भूली जजों।
समय क्या छे रोजरोज नवा लगाववा नो,
प्लास्टिक नो एक हार लगावी मने भूली जजों।
याद आवे क्यारेक के हुय हसवतो हतो,
आँखों मा वारसावी क्यारेक मने भूली जजों।
लाल चट्टाक प्रसंगों उडे ज्यारे जीवनमा
एक कंकोत्री मने लखावी मने भूली जजों।
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